Sunday, April 4, 2010

सम्मानित की गयीं भोजपुरी संगीत की विभूतियां





चैता का देर रात तक लुत्फ लेते रहे हजारों रसिक
हावड़ा: मानस परिवार सेवा समिति की ओर से भोजपुरी लोक-संगीत चैता का भव्य आयोजन 3 अप्रैल की रात नौ बजे से आरआर रोलिंग मिल परिसर, 96 धरमूतल्ला रोड, सलकिया में शुरू हुआ जो देर रात तक चला। इसमें भोजपुरी संगीत के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियों के लिए भरत शर्मा, गायत्री ठाकुर, प्रतिभा सिंह एवं वीरेन्द्र सिंह धुरान को सम्मानित किया गया। सम्मान प्रदान करने वालों और इस अवसर पर सम्बोधित करने वालों में शिवजी तिवारी, शशिधर सिंह, राजकिशोर तिवारी, राजा बाबू सिंह, वीरेन्द्र शर्मा, मामा सिंह, जलेश्वर सिंह आदि प्रमुख थे।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिभा सिंह के गायन से हुई। उन्होंने चैती "सगरी चइत बीत गइले हो रामा, पिया नाहीं अइले" गाकर अच्छा समां बांधा। इस माहौल को आगे बढ़ाया गायत्री ठाकुर ने। लगभग दो दर्जन झाल, ढोलक , हारिमोनियम आदि पर उन्होंने पारम्परिक चईता गाया-"पहिले सुमिरों सुरसति मतवा हे रामा, एही ठइयां। आजु चईत हम गाइब हे रामा, एही ठइयां।"
भरत शर्मा ने इस अवसर पर भोजपुरी भाषा को अश्लीलता से बचाने का भी आह्वान किया, इस भाव को प्रकट करने वाला एक गीत भी उन्होंने सुनाया- "गीत भोजपुरी से अश्लील हटावल जाई, त केतना नीमन होई। भिखारी ठाकुर के गितिया अगर गावल जाई, त केतना नीमन होई।"